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Ncert Solutions For Class 12th Political Science in Hindi | Chapter – 5 समकालीन दक्षिण एशिया [Contemporary South Asia]
अध्याय 5
समकालीन दक्षिण एशिया [Contemporary South Asia]
पाठान्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. देशों की पहचान करें-
(क) राजतन्त्र, लोकतन्त्र समर्थक समूहों और अतिवादियों के बीच संघर्ष के कारण राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण बना।
(ख) चारों तरफ भूमि से घिरा देश
(ग) दक्षिण एशिया का वह देश जिसने सबसे पहले अपनी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया।
(घ) सेना और लोकतन्त्र समर्थक समूहों के बीच संघर्ष में सेना ने लोकतन्त्र के ऊपर बाजी मारी।
(ङ) दक्षिण एशिया के केन्द्र में अवस्थित इस देश की सीमाएँ दक्षिण एशिया के अधिकांश देशों से मिलती हैं।
(च) पहले इस द्वीप में शासन की बागडोर सुल्तान के हाथ में थी। अब यह एक गणतन्त्र है।
(छ) ग्रामीण क्षेत्र में छोटी बचत और सहकारी ऋण की व्यवस्था के कारण इस देश को गरीबी कम करने में मदद मिली है।
(ज) एक हिमालयी देश जहाँ संवैधानिक राजतन्त्र है। यह देश भी हर तरफ से भूमि से घिरा है।
उत्तर- (क) नेपाल, (ख) नेपाल, (ग) श्रीलंका, (घ) पाकिस्तान, (ङ) भारत, (च) मालदीव, (छ) बांग्लादेश, (ज) भूटान ।
प्रश्न 2. दक्षिण एशिया के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) दक्षिण एशिया में सिर्फ एक तरह की राजनीतिक प्रणाली चलती है।
(ख) बांग्लादेश और भारत ने नदी-जल की हिस्सेदारी के बारे में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
(ग) ‘साफ्टा’ पर हस्ताक्षर इस्लामाबाद के 12वें सार्क सम्मेलन में हुए।
(घ) दक्षिण एशिया की राजनीति में चीन और संयुक्त राज्य अमरीका महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उत्तर- (क) दक्षिण एशिया में सिर्फ एक तरह की राजनीतिक प्रणाली चलती है।
प्रश्न 3. पाकिस्तान के लोकतन्त्रीकरण में कौन-कौनसी कठिनाइयाँ हैं ?
उत्तर—पाकिस्तान के लोकतन्त्रीकरण में प्रमुख रूप से निम्नांकित कठिनाइयाँ हैं-
(1) सेना का प्रभुत्व- पाकिस्तान में उसके निर्माण से ही सेना का प्रभुत्व रहा है। अभी तक जितने भी पाक शासक हुए उन सभी ने लोकतन्त्र के नाम पर सेना के माध्यम से ही सत्ता की बागडोर अपने हाथों में ली है। पाकिस्तानी नागरिक भी सैन्य शासन का इस कारण समर्थन करते हैं क्योंकि वे ऐसा समझते हैं कि इससे उनके देश की सुरक्षा किसी प्रकार के खतरे में नहीं पड़ेगी। हमारे देश भारत के साथ भी पाकिस्तान के सम्बन्ध प्रायः तनावपूर्ण रहते हैं। इस वजह से यहाँ के सैन्य समर्थक समूह अधिक मजबूत है तथा प्राय: यह तर्क देते हैं कि पाकिस्तान के राजनीतिक दलों तथा लोकतन्त्र की कमी है। लोकतन्त्र की कमी की वजह से पाकिस्तान पूर्णरूपेण सफल नहीं हो पाया है।
(2) लोकतन्त्र हेतु अन्तर्राष्ट्रीय समर्थन का अभाव – पाकिस्तान में लोकतान्त्रिक शासन स्थापित हो इसके लिए विशेष अन्तर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त नहीं हो पाता है। इस प्रकार वहाँ सैन्य वलों को अपना प्रभुत्व बनाए रखने हेतु बढ़ावा मिलता है।
(3) धर्मगुरुओं तथा अभिजन का प्रभाव – पाकिस्तानी सामाजिक व्यवस्था में भू-स्वामी अभिजनों तथा धर्मगुरुओं का अत्यधिक प्रभुत्व है। वे लोग सेना के शासन को ही देश के लिए सर्वथा उपयुक्त मानते हैं।
प्रश्न 4. नेपाल के लोग अपने देश में लोकतन्त्र को बहाल करने में कैसे सफल हुए?
उत्तर– एक मजबूत लोकतन्त्र समर्थक आन्दोलन से विवश होकर 1990 में नेपाली राजा के नवीन लोकतान्त्रिक संविधान की माँग स्वीकार कर ली। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है। कि नेपाल में लोकतान्त्रिक सरकारों का कार्यकाल बहुत छोटा तथा समस्याओं से परिपूर्ण रहा। 1990 के दशक में नेपाली माओवादी, देश के विभिन्न भागों में अपना प्रभाव बनाने में कामयाब हुए। इस प्रकार माओवादी, राजा तथा सत्ताधारी अभिजन के बीच त्रिकोणीय संघर्ष हुआ।
2002 में नेपाली राजा ने संसद को भंग करके सरकार को गिरा दिया। इस प्रकार नेपाल जो थोड़ा बहुत लोकतन्त्र था उसे राजा ने समाप्त कर दिया। अप्रैल 2006 में नेपाल में राष्ट्रव्यापी लोकतन्त्र समर्थक प्रदर्शन हुए तथा तत्कालीन राजा ज्ञानेन्द्र ने मजबूर होकर संसद को बहाल किया। उक्त से स्पष्ट है कि अन्ततः नेपालियों को अपने देश में लोकतन्त्र को स्थापित कराने में सफलता मिली।
प्रश्न 5. श्रीलंका के जातीय संघर्ष में किसकी भूमिका प्रमुख है?
उत्तर– श्रीलंका के जातीय संघर्ष में सिंहलियों के बहुसंख्यकवाद एवं तमिलों के आतंकवाद दोनों की ही प्रमुख भूमिका रही। श्रीलंका में प्रमुख रूप से सिंहली समुदाय की अधिकता है जो भारत से आकर श्रीलंका में रहने वाले तमिलों के विरुद्ध हैं। सिंहली राष्ट्रवादियों की मान्यता थी कि श्रीलंका में तमिलों के साथ किसी प्रकार का कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि श्रीलंका केवल सिंहली समुदाय का ही हैं।
तमिलों के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार की वजह से उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज तेजी से उठी। 1983 के बाद से उम्र तमिल संगठन ‘लिबरेशन टाईगर्स ऑफ तमिल ईलम’ अर्थात् लिट्टे ने श्रीलंकाई सैन्य बलों के साथ सशस्त्र संघर्ष किया। इसने ‘तमिल ईलम’ अर्थात् श्रीलंकाई तमिलों के लिए एक अलग राष्ट्र की माँग उठाई। धीरे-धीरे श्रीलंका में जातीय संघर्ष तीव्र होता चला गया। देश में विस्फोट एवं हत्याएँ होने लगीं।
भारत ने 1987 में श्रीलंका में अपनी शान्ति सेना भेजी जिसे वहाँ की जनता ने पसन्द नहीं किया। परिणामस्वरूप 1989 में भारत ने अपनी शान्ति सेना को बिना लक्ष्य हासिल किए ही वापस बुला लिया। 2009 में लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण का उसके प्रमुख सहयोगियों के साथ सैन्य कार्यवाही में मारे जाने के पश्चात् लिट्टे की स्थिति कमजोर हो गई। श्रीलंका में संघर्ष दब गया तथा शान्ति की स्थापना हुई। श्रीलंका में 1983 से आपातकाल लागू था जिसे अगस्त 2014 में समाप्त कर दिया गया। संघर्ष के दौरान तहस-नहस हुए शहरों को फिर से बसाया जा रहा है तथा पीड़िता तमिल परिवारों को भी संरक्षण दिया जा रहा है।
प्रश्न 6. भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में क्या समझौते हुए?
उत्तर – भारत-पाक के नेतृत्वकर्त्ता समय-समय पर दोनो देशों में विद्यमान समस्याओं के समाधान हेतु विभिन्न सम्मेलनों के दौरान भेंटवार्ताएँ करते रहे हैं। हालांकि 1999 में भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेई ने पाकिस्तान की बस यात्रा की थी तथा शान्ति के एक घोषणा-पत्र को भी हस्ताक्षरित किया था। इसके बावजूद जुलाई 1999 में दोनों ही देशों के मध्य कारगिल मुठभेड़ हुई जिसमें पाकिस्तान ने मुँह की खाई।
तनावपूर्ण सम्बन्धों के बावजूद मई 2012 में भारत ने पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति हेतु बाघा सीमा तक पाइपलाइन बनाने पर अपनी सहमति दी लेकिन नवम्बर 2012 में मुम्बई आतंकी हमले के आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिए जाने के बाद दोनों देशों के मध्य वाक्युद्ध फिर चरम पर पहुँचा। जनवरी 2016 में दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौते के अन्तर्गत अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का परस्पर आदान-प्रदान किया गया।है।
प्रश्न 7. ऐसे दो मसलों के नाम बताएँ जिन पर भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी सहयोग है और इसी तरह दो ऐसे मसलों के नाम बताएं जिन पर असहमति है।
उत्तर-भारत तथा बांग्लादेश के बीच अपसी सहयोग के दो मसले निम्न प्रकार हैं-
(1) भारत तथा बांग्लादेश के बीच दिसम्बर 1996 में फरक्का गंगाजल बँटवारे पर एक ऐतिहासिक समझौता किया गया।
(2) विश्व पटल पर आतंकवाद एक गम्भीर चुनौती के रूप में तेजी से उभरा है। भारत तथा बांग्लादेश आतंकवाद के मुद्दे पर सदैव एक साथ रहे हैं। भारत तथा बांग्लादेश के बीच उक्त के अलावा निम्नलिखित दो मसलों पर असहम भी है-
(1) बांग्लादेश में होने वाली भारत विरोधी गतिविधियाँ ।
(2) चकमा शरणार्थियों का लगातार प्रवेश ।
प्रश्न 8. दक्षिण एशिया में द्विपक्षीय सम्बन्धों को बाहरी शक्तियाँ कैसे प्रभावित करती हैं?
उत्तर– कोई भी क्षेत्र चाहे अपने आपको गैर इलाकाई शक्तियों से अलग रखने का कितन भी प्रयास क्यों न करें उस पर बाह्य शक्तियों तथा घटनाचक्र का प्रभाव किसी-न-किसी रूप में पड़ता ही है। दक्षिण एशियाई राजनीति में संयुक्त राज्य अमेरिका तथा चीन अपनी आम भूमिका का निवर्हन करते हैं। हालांकि भारत-चीन सम्बन्धों में पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है।
चूँकि चीन के सम्बन्ध हमारे पड़ौसी देश पाकिस्तान से मधुर हैं अतः इस कारण से भारत-चीन सम्बन्धों में अधिक निकटता नहीं आ पा रही है जोकि एक बड़ी समस्या है। दक्षिण एशिया में शीत युद्ध के अन्त के पश्चात् अमेरिकी वर्चस्व तीव्रता से विकसित हुआ है।
शीत युद्ध के उपरान्त अमेरिका ने भारत तथा पाकिस्तान दोनों ही देशों से अपने सम्बन्धों को नवीन आयाम दिए हैं। दोनों ही देशों में अमेरिकी सहायता से आर्थिक सुधार हुए हैं। इससे दक्षिण एशिया में संयुक्त राज्य अमेरिका की सहभागिता और अधिक बढ़ी है। अमेरिका में दक्षिण एशियाई लोगों की काफी संख्य है फिर भी इस क्षेत्र की सुरक्षा एवं शान्ति के भविष्य से अमेरिकी हित भी प्रभावित होते हैं।
प्रश्न 9. दक्षिण एशिया के देशों के बीच आर्थिक सहयोग की राह तैयार करने में दक्षेस (सार्क) की भूमिका और सीमाओं का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। दक्षिण एशिया की बेहतरी में ‘दक्षेस’ (सार्क) ज्यादा बड़ी भूमिका निभा सके, इसके लिए आप क्या सुझाव देंगे?
उत्तर – दक्षिण एशिया के देशों के मध्य क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने हेतु एक क्षेत्रीय संगठन की स्थापना की गई जिसे ‘दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ’ अर्थात् दक्षेस अथव सार्क के नाम से जाना जाता है। 1985 में अस्तित्व में आए सार्क के सदस्यों में श्रीलंका, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान तथा मालदीव सात सदस्य थे। बाद में अफगानिस्तान ने भी इसकी सदस्यता ले ली। इस प्रकार वर्तमान में 8 देश सार्क के सदस्य हैं।
सार्क की सीमाएँ अथवा बाधाएँ-. सार्क अथवा दक्षेस की सीमाओं अथवा बाधाओं को संक्षेप में अग्र बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) आज तक दक्षिण एशिया की अलग से कोई पहचान नहीं बन पाई है। जहाँ पाकिस्तान आतंकवाद का पोषक है, वही नेपाल चीन को बगल में तथा भारत को अपने कन्धे पर बिठाकर रखना चाहता है। इसी प्रकार श्रीलंका भी अपनी आन्तरिक समस्याओं में ही उलझकर रह गया है।
(2) जनसंख्या तथा शक्ति के दृष्टिकोण से भारत की स्थिति सर्वाधिक सुदृढ़ है लेकिन छोटे देश हमें शंका की दृष्टि से ही देखते हैं। (3) सार्क देशों में काफी आपसी विवाद हैं जो केवल सार्क के शिखर सम्मेलनों से ही नहीं सुलझाए जा सकते हैं। दक्षेस का सदस्य अफगानिस्तान भी अपनी स्वयं की आन्तरिक समस्याओं से ग्रसित है।
(4) दक्षेस में सम्मिलित देशों की समस्याओं की वजह से ही संयुक्त राज्य अमेरिका तथा चीन दक्षिण एशियाई राजनीति में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने लगे हैं।
दक्षेस की भूमिका के लिए सुझाव-
दक्षिण एशिया के विकास में दक्षेस अधिक भूमिका का निवर्हन कर सकें इसके लिए हम निम्न सुझाव दे सकते हैं-
(1) भारत तथा पाकिस्तान को अपने आपसी विवादों के समाधान तलाश करने चाहिए जिससे समस्त दक्षिण एशियाई देशों का ध्यान विवादों से हटकर विकास की ओर जा सके। सभी देशों के लिए भारत का विशाल बाजार सहायक सिद्ध हो सकता है।
(2) वित्तीय क्षेत्र में सुधार करना अत्यधिक आवश्यक है।
(3) इसी प्रकार अपने पड़ोसियों के साथ संचार एवं यातायात व्यवस्था में और अधिक सुधार किए जाने की भी जरूरत है।
(4) श्रम सम्बन्ध, वाणिज्यिक क्षेत्र तथा वित्तीय समस्याओं हेतु कानून में बदलाव भी किए जाने चाहिए।
प्रश्न 10. दक्षिण एशिया के देश एक-दूसरे पर अविश्वास करते हैं। इससे अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर यह क्षेत्र एकजुट होकर अपना प्रभाव नहीं जमा पाता। इस कथन की पुष्टि में कोई भी दो उदाहरण दें और दक्षिण एशिया को मजबूत बनाने के लिए उपाय सुझाएँ ।
उत्तर– असल में दक्षिण एशियाई देशों को परस्पर एक-दूसरे पर विश्वास नहीं है जिसकी वजह से ये देश विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर एकजुट होकर अपना प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे हैं। उक्त कथन की पुष्टि हेतु हम निम्न दो उदाहरणों द्वारा अपनी बात को अधिक सुगमतापूर्वक स्पष्ट कर सकते हैं-
(1) विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत तथा पाकिस्तान के विचार हमेशा एक-दूसरे के विरोधाभाषी रहते हैं। पाकिस्तान तथा भारत हमेशा ही एक-दूसरे पर अविश्वास ही करते चले आ रहे हैं।
(2) दक्षेस अथवा सार्क के अन्य सदस्य देशों को सदैव यह भय सताता रहता है कि भारत कही बाहुबली होने का दबाव उन पर कायम न कर ले।
दक्षिण एशिया को मजबूत बनाने के उपाय- दक्षिण एशिया को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए हम निम्न उपाय अपनाए जाने का परामर्श देंगे-
(1) उचित वातावरण का निर्माण किया जाए।
(2) देशों के मध्य पनपने वाले सन्देह को समाप्त किया जाए अथवा न्यूनतम स्तर तक लाया जाए।
(3) अपनी समस्याओं का समाधान मिलजुल कर किया जाए।
(4) आपसी कटुता को कम करने के लिए एक-दूसरे के देशों में प्रमुख नेतृत्त्वकर्त्ताओं की यात्राएँ होनी चाहिए।
(5) आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से सहयोग की भावना विकसित की जानी चाहिए।
(6) बाह्य शक्तियों के हस्तक्षेप पर प्रभावी तरीकों द्वारा रोक लगाई जानी चाहिए।
प्रश्न 11. दक्षिण एशिया के देश भारत को एक बाहुबली समझते हैं जो इस क्षेत्र के छोटे देशों पर अपना दबदबा जमाना चाहता है और उनके अंदरूनी मामलों में दखल देता है। इन देशों की ऐसी सोच के लिए कौन- कौनसी बातें जिम्मेदार हैं?
उत्तर – दक्षिण एशियाई देश भारत को बाहुबली समझते हैं जो इस क्षेत्र के छोटे देशों पर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है तथा उनके आन्तरिक मामलों में दखल देता है। दक्षिण एशियाई छोटे देशों की इस सोच के लिए विभिन्न बातें उत्तरदायी हैं जिन्हें संक्षेप में निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) अन्य दक्षिण एशियाई देशों की अपेक्षाकृत भारत का आकार अत्यधिक विशाल है।
(2) दक्षिण एशियाई छोटे देशों में भारत अत्यधिक शक्तिशाली एवं प्रभावपूर्ण है।
(3) दक्षिण एशियाई भूगोल ही ऐसा है कि भारत इसके मध्य में स्थित है तथा शेष देश भारतीय सीमा के आसपास ही पड़ते हैं।
(4) भारत नहीं चाहता कि इन देशों में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो। उसे भय लगता है कि ऐसी परिस्थितियों में बाह्य शक्तियों को इस क्षेत्र में अपना प्रभाव जमाने में सहायता मिलेगी। जबकि छोटे देशों की स्पष्ट मान्यता है कि भारत दक्षिण एशिया में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है।
(5) कुछ छोटे देश यह मानते हैं कि भारत दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) की सहायता लेकर उनके बाजार में सेंधमारी करना चाहता है और व्यावसायिक उद्यम एवं व्यावसायिक मौजूदगी के माध्यम से उनके समाज एवं राजनीति पर प्रभाव डालना चाहता है।
जबकि हमारे देश भारत का मानना है कि ‘साफ्टा’ से इस क्षेत्र के प्रत्येक देश को लाभ होगा तथा क्षेत्र में मुक्त व्यापार बढ़ने से राजनीतिक मसलों पर सहयोग और अधिक अच्छी तरह से होगा।
परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर
बहु-विकल्पीय
12th Political Science ke objective questions
- भारत-पाक सम्बन्धों में मतभेद का प्रमुख कारण है-
(क) कश्मीर समस्या
(ख) आतंकवाद को प्रोत्साहन
(ग) बांग्लादेश
(घ) ये सभी कारण ।
- नेहरू-लियाकत समझौता कब हुआ था?
(ख) 1952
(क) 1949
(ग) 1948
(घ) 1950.
- भारत-पाक के मध्य ‘शिमला समझौता’ हुआ था-
(क) 1950 में
(ख) 1972 में
(ग) 1999 में
(घ) 2002 में।
- ऑपरेशन विजय सम्बन्धित है-
(क) भारत-पाक युद्ध 1965 से
(ख) बांग्लादेश संकट 1971 से
(ग) कारगिल युद्ध 1999 से
(घ) भारत-चीन युद्ध 1962 से।
- किस दक्षिण एशियाई देश में सर्वप्रथम सैनिक शासन स्थापित हुआ?
(क) श्रीलंका
(ख) नेपाल
(ग) पाकिस्तान
(घ) भूटान ।
- 1965 में भारत-पाक युद्ध के समय पाकिस्तान शासक कौन था ?
(क) अयूब खान
(ख) जेड. ए. भुट्टो
(ग) वाई. खान
(घ) सिकन्दर मिर्जा ।
- सर क्रीक विवाद किन दो देशों के मध्य है?
(क) भारत-चीन
(ख) भारत-पाकिस्तान
(ग) अफगानिस्तान-पाकिस्तान
(घ) भारत-बांग्लादेश
- कोलम्बो में राजीव जयवर्द्धने समझौता कब हुआ था?
(क) 1984
(ख) 1985
(ग) 1987
(घ) 1989.
- भारत से शान्ति सेना श्रीलंका कब भेजी गई थी?
(क) 1985
(ख) 1987
(ग) 1989
(घ) 1990.
- ‘कच्चा टीबू विवाद’ सम्बन्धित था-
(क) भारत तथा नेपाल से
(ख) भारत तथा बांग्लादेश से
(ग) भारत तथा श्रीलंका से
(घ) भारत तथा पाकिस्तान से।
- किस दक्षिण एशियाई देश ने सर्वप्रथम अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया?
(क) भारत
(ख) श्रीलंका
(c) बांग्लादेश
(घ) नेपाल।
- निम्नांकित में किसका सम्बन्ध भारत-बांग्लादेश सम्बन्धों से है?
(क) लाहौर बस सेवा से
(ख) तीन बीघा गलियारा से
(ग) भारतीय वायु सेना से
(घ) कच्चा टीव टापू से
- नेपाल में राजा ज्ञानेन्द्र द्वारा आपातकाल की घोषणा की गई
(क) 2002 में
(ख) 2003 में
(ग) 2005 में
(घ) 2006 में।
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) की स्थापना हुई थी-
(क) 8 अगस्त, 1990 को
(ग) 7-8 दिसम्बर, 1985 को
(ख) 7 मई, 1989 को(घ) 8 जून, 1997 को।
- निम्नांकित में कौन-सा देश सार्क का सदस्य नहीं है?
(क) भारत
(ख) चीन
(घ) श्रीलंका ।
(ग) पाकिस्तान
- दक्षेस का प्रथम शिखर सम्मेलन किस देश में हुआ था ?
(क) भारत
(ख) नेपाल
(ग) पाकिस्तान
(घ) बांग्लादेश।
- दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौता (साफ्टा) कब हस्ताक्षरित हुआ?
(क) 1947 में
(ख) 1994 में
(ग) 2004 में
(घ) 2006 में।
- निम्नांकित में किस देश ने ‘साफ्टा’ समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं?
(क) म्यांमार
(ख) नेपाल
(ग) भूटान
(घ) मालदीव
उत्तर- 1. (घ) ये सभी कारण, 2. (घ) 1950, 3. (ख) 1972 में, 4. (ग) कारगिल युद्ध 1999 से, 5. (ग) पाकिस्तान, 6. (क) अयूब खान, 7. (ख) भारत-पाकिस्तान, 8. (ग) 1987, 9. (ख) 1987, 10. (ग) भारत तथा श्रीलंका से 11. (ख) श्रीलंका, 12. (ख) तीन बीघा गलियारा, 13, (ग) 2005 में, 14. (ग) 7-8 दिसम्बर, 1985 को, 15. (ख) चीन, 16. (घ) बांग्लादेश, 17. (ग) 2004 में, 18. (क) म्यांमार ।
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- कश्मीर समस्या का प्रारम्भ ————की घटना से हुआ। में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर आक्रमण करने
- भारत तथा नेपाल के मध्य महाकाली सन्धि ———में हुई।
- चकमा शरणार्थियों की समस्या भारत और——— के बीच थी।
- बांग्लादेश एक स्वतन्त्र राष्ट्र——- —-में बना।
- दक्षिण एशिया के दो सबसे छोटे देश——— हैं।
- सार्क का मुख्यालय—– में है।
- सार्क संगठन में सदस्य राष्ट्रों की संख्या ——- है।
- सार्क चार्टर के अनुच्छेद ——————द्वारा प्रतिवर्ष एक शिखर सम्मेलन का आयोजन करने की व्यवस्था की गई है।
- सार्क के प्रमुख सिद्धान्तों का उल्लेख इसके चार्टर के में ————-किया गया है।
- सार्क का 19वीं शिखर सम्मेलन जो रद्द हो गया—————– में होने वाला था।
उत्तर- 1. अक्टूबर 1947, 2. 1996, 3. बांग्लादेश, 4. 1971, 5. मालदीव व भूटान 6. काठमाण्डू (नेपाल), 7. आठ, 8. तीन, 9. अनुच्छेद दो, 10. इस्लामाबाद।
सत्य / असत्य
- लोकतन्त्र बहाली के बाद नेपाल 2008 से 2016 तक की समयावधि में दस प्रधानमन्त्री बने।
- 1950 में नेपाल में लोकतन्त्र की स्थापना हुई।
- वर्तमान में नेपाल में विद्या देवी भण्डारी राष्ट्रपति तथा के. पी. शर्मा ओली प्रधानमन्त्री पद पर आसीन हैं।
- वर्तमान में पाकिस्तान में आरिफ अल्वी राष्ट्रपति तथा इमरान खान प्रधानमन्त्री हैं।
- 14-16 जुलाई, 2001 की आगरा शिखर वार्ता मुशर्रफ के अडियल स्वभाव की वजह से ही सफल सिद्ध हुई थी।
- बांग्लादेश में 1993-94 तथा 2004-06 में हिन्दुओं एवं बौद्ध अल्पसंख्यकों के प्रति मानवीय व्यवहार किया गया था।
- सार्क के पाँच सदस्य राष्ट्र हैं।
- दक्षिणी एशिया के सभी देशों में सदैव लोकतान्त्रिक व्यवस्था रही है।
- सार्क दिवस प्रतिवर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है।
- दक्षेस का पहला शिखर सम्मेलन 1985 में नई दिल्ली में हुआ था।
उत्तर- 1. सत्य, 2. सत्य, 3. सत्य, 4. सत्य, 5. असत्य, 6. असत्य, 7. असत्य, 8. असत्य, 9. असत्य, 10. असत्य ।
सही जोड़ी मिलाइए
‘क’ ‘ख’
- एक हिन्दू राज्य (i) अब्दुल हसन (बांग्लादेश)
- नवमूर द्वीप विवाद (ii) नेपाल
- सार्क देशों के विदेशमन्त्रियों की परिषद् (iii) जिया उर रहमान (बांग्लादेश) की व्यवस्था
- सार्क के प्रथम महासचिव (iv) भारत-बांग्लादेश
- सार्क स्थापना का विचार दिया (v) अनुच्छेद 4
उत्तर- 1. (ii), 2. (iv), 3. (v), 4. (i), 5. (iii)
एक शब्द / वाक्य में उत्तर
- स्वतन्त्रता के पश्चात् किन दो देशों में आज तक लोकतान्त्रिक व्यवस्था सफलतापूर्वक कायम है?
- किस दक्षिण एशियाई देश में 1968 तक सल्तनत शासन रहा है ?
- सियाचिन की समस्या किन देशों के बीच मतभेद का प्रमुख कारण है?
- भारत-पाक के मध्य विवादित विषयों पर सम्बन्धों को कैसे सुधारा जा सकता है ?
- ताशकंद समझौता कब हुआ था?
- लिट्टे का पूरा नाम क्या है?
- भारत द्वारा शान्ति सेना किस देश में भेजी गयी ?
- श्रीलंका के बहुसंख्यक समुदाय का नाम लिखो ।
- भारत-श्रीलंका सम्बन्धों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण निर्धारक तत्व क्या है ?
- कच्छ टीवू (Kacchativu) कहाँ स्थित है?
- जवाहरलाल नेहरू-कोटलेवाला समझौता कब हुआ था
- श्रीलंका के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री का नाम लिखो।?
- नेपाल में निर्मित वस्तुओं को भारतीय बाजार में लाने हेतु क्या किया गया है?
- दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता कब से प्रभावित हुआ ?
- किस संगठन को सामूहिक सूझबूझ तथा राजनीतिक इच्छाशक्ति की अभिव्यक्ति बताया गया ?
उत्तर- 1. भारत एवं श्रीलंका, 2. मालदीव, 3. भारत तथा पाकिस्तान, 4. परस्पर वार्ता द्वारा, 5. 10 जनवरी, 1966, 6. लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम 7. श्रीलंका, 8. सिंहली, 9. तमिल समस्या 10. भारत और श्रीलंका के समुद्री तटों के मध्य पाक जलडमरू के मध्य में स्थित है, 11. 1954 में 12. विद्यादेवी भण्डारी (राष्ट्रपति) के. पी. शर्मा ओली प्रधानमन्त्री) 13. उन्हें सीमा शुल्क से मुक्त रखा गया है, 14. 1 जनवरी, 2006 से 15. सार्क (दक्षेस)।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ताशकंद समझौता किनके मध्य हुआ ? कोई दो शर्तें लिखिए।
उत्तर – ताशकंद समझौता 10 जनवरी, 1966 को पाक राष्ट्रपति अयूब खाँ तथा भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बीच हुआ। सम्बन्ध स्थापित किये जाएँगे।
समझौते की दो शर्ते –
(1) दोनों देशों के बीच पुनः राजनयिक, आर्थिक तथा व्यापारिक
(2) दोनों देश युद्ध के दौरान बनाए गए बन्दियों का प्रत्यावर्तन करेंगे।
प्रश्न 2. शिमला समझौते की कोई दो शर्तें लिखिए।
उत्तर-शिमला समझौते दो शर्तें-
(1) दोनों देशों के आपसी विवाद में तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं हो
(2) कश्मीर प्रकरण को किसी क्षेत्रीय अथवा अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर नहीं उठाया जाएगा।
प्रश्न 3. कारगिल युद्ध का परिणाम लिखिए।
उत्तर- कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने ऑपरेशन विजय द्वारा लगभग दो माह की समयावधि में पाक घुसपैठियों को कारगिल क्षेत्र से खदेड़ बाहर किया।
प्रश्न 4. ऑपरेशन विजय क्या था?
उत्तर- कारगिल क्षेत्र की द्रास तथा बटालिक क्षेत्र की पहाड़ियों से पाक घुसपैठियों खेदड़ने हेतु भारत ने ऑपरेशन विजय चलाया।
प्रश्न 5. वर्तमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति एवं प्रधानमन्त्री का नाम लिखिए।
उत्तर- अब्दुल हामिद (राष्ट्रपति तथा शेख हसीना (प्रधानमन्त्री)।
प्रश्न 6. भारत-भूटान सम्बन्धों के कोई दो तथ्य लिखिए।
उत्तर- (1) भूटान ने अपने यहाँ से भारत के खिलाफ पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादी गतिविधियों का संचालन कर रहे उग्रवादियों एवं गुरिल्लों को भगाया है तथा
(2) भारत-भूटान में पन बिजली की बड़ी परियोजनाओं में हाथ बँटा रहा है।
प्रश्न 7. भारत के मालदीव से सम्बन्धों के कोई दो बिन्दु लिखिए।
उत्तर- (1) भारत ने मालदीव के आर्थिक विकास, पर्यटन तथा मछली उद्योग में मदद दी है तथा
(2) जब 1988 में श्रीलंका के किराए के तमिल सैनिकों ने मालदीव पर हमला किया तो उसने भारत से सहायता माँगी थी तथा भारत ने तुरन्त ही वहाँ अपनी नौसेना एवं वायुसेना भेजकर भाड़े के तमिल सैनिकों को भगाया था।
प्रश्न 8. सार्क के दो उद्देश्य लिखिए।
उत्तर- (1) दक्षिण एशिया क्षेत्र की जनता के कल्याण एवं उनके जीवन स्तर में सुधार करना तथा
(2) दक्षिण एशिया के देशों की सामूहिक आत्मनिर्भरता में बढ़ोत्तरी करना।
प्रश्न 9. दक्षेस (सार्क) आसियान जैसी प्रगति नहीं कर सका है, आपके दृष्टिकोण से इसके क्या कारण हैं?
उत्तर- दक्षेस (सार्क) आसियान जैसे संगठन की बराबरी नहीं कर पाया है क्योंकि इसके सदस्य देशों के बीच राजनीतिक मतभेद विद्यमान हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. दक्षिण एशिया क्षेत्र की कोई तीन विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए। उत्तर – दक्षिण एशिया क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-
(1) दक्षिण एशिया एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ सद्भाव एवं शत्रुता, आशा व निराशा तथा पारस्परिक शंका एवं विश्वास साथ-साथ विद्यमान हैं।
(2) दक्षिण एशिया धरातल पर यह एक क्षेत्र है। विविधताओं से परिपूर्ण भरापूरा क्षेत्र है फिर भी भू-राजनीतिक
(3) दक्षिण एशिया क्षेत्र की भौगोलिक विशिष्टता ही इस उपमहाद्वीपीय क्षेत्र के भाषायी, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अनूठेपन के लिए उत्तरदायी है
प्रश्न 2. दक्षिण एशिया में शान्ति एवं सहयोग को किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है?
उत्तर-दक्षिण एशिया में शान्ति एवं सहयोग को निम्न प्रकार बढ़ाया जा सकता है-
(1) दक्षिण एशियाई देशों में आतंकवाद की समस्या है जिसे मिल जुलकर हल करना चाहिए।
(2) दक्षिण एशिया क्षेत्र में व्याप्त गरीबी एवं बेरोजगारी को भी समाप्त किया जाना चाहिए।
(3) कई दक्षिण एशियाई देशों में राजनीतिक अस्थिरता है। अतः वहाँ राजनीतिक स्थिरता कायम करने की जरूरत है।
प्रश्न 3. भारत-पाकिस्तान सम्बन्धों में सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
उत्तर- भारत-पाकिस्तान के सम्बन्धों में सुधार के लिए दोनों देशों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखा जाना चाहिए। पाक की किसी भी बात पर सहजता से विश्वास करना उचित न होगा। पाकिस्तान शासकों की यह सोच है कि भारत के साथ तनावपूर्ण सम्बन्धों को बनाए रखने में उनका तथा देश का हित है। हालांकि पाकिस्तानी जनता भारत से युद्ध करना नहीं चाहती है।दोनों देशों में सम्बन्धों को सुधारने हेतु पाक को अपनी इस मानसिकता का परित्याग करना पड़ेगा। विवादित विषयों पर परस्पर वार्ताओं द्वारा सम्बन्धों को सुधारा जा सकता है।
प्रश्न 4. भारत-श्रीलंका मतभेद के कारण लिखिए। उत्तर- भारत तथा श्रीलंका के मध्य मतभेद के चार प्रमुख कारण निम्नवत् हैं-
(1) भारतीय मूल के तमिलों की नागरिकता सम्बन्धी विवाद भारत तथा श्रीलंका के बीच मतभेद का प्रमुख कारण बना हुआ है।
(2) भारत-श्रीलंका के मध्य समुद्री सीमा निर्धारण की समस्या की वजह से भी दोनों देशों में समय-समय पर मतभेद उभरता रहा है।
(3) सितम्बर 2012 में तमिलनाडु के कुछ मछुआरों को श्रीलंकाई सैनिकों ने पकड़कर उनका उत्पीड़न किया तथा भारतीय दबाव के बाद 16 मार्च, 2013 को श्रीलंका ने 34 मछुआरों को जाफना में रिहा कर दिया।
(4) गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद श्रीलंका में अल्पसंख्यक तमिलों को मुख्यधारा में सम्मिलित करने हेतु राजनीतिक अधिकार प्रदान करने का आग्रह भारत सरकार कर चुकी है। लेकिन श्रीलंका ने उसे नजरअंदाज किया है।
(5) तमिलों के मानवाधिकारों के हनन के मसले पर जेनेवा में सं. रा. मानवाधिकार परिषद् में श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव पर मतदान में भारत ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
प्रश्न 5. भारत एवं बांग्लादेश में तनाव के कारण लिखिए।
उत्तर- भारत एवं बांग्लादेश में तनाव के प्रमुख कारण निम्न प्रकार हैं-
(1) बांग्लादेश द्वारा फरक्का बाँध विवाद तथा गंगाजल वितरण की समस्या को अन्तर्राष्ट्रीय दिशा देने का असफल प्रयास किया जिससे दोनों देशों में तनाव व्याप्त हुआ।
(2) वर्ष 2004-06 में हिन्दुओं तथा बौद्ध अल्पसंख्यकों के प्रति बांग्लादेश में अमानवीय व्यवहार किया गया।
(3) दोनों देशों के बीच तनाव का एक कारण गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नहर का निर्माण तथा सीमा पर काँटेदार बाड़ लगाने का कार्य है।
(4) वर्तमान में बांग्लादेश द्वारा आतंकवाद को प्रोत्साहित करके भी तनाव बढ़ाया जा रहा है। (5) चकमा शरणार्थियों की समस्या भी भारत-बांग्लादेश में तनाव की वजह रही है।
प्रश्न 6. बांग्लादेश घुसपैठियों के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर – 1971 में अपने निर्माण से पूर्व बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा था। सर्वविदित है कि भारत की सहानुभूति तथा सहयोग से बांग्लादेश का निर्माण सम्भव हो पाया था बांग्लादेश के निर्माण के बाद से ही उसको सीमा से लगने वाले भारतीय राज्यों में पिछले 39 वर्षों से बांग्लादेशी अनाधिकृत रूप से प्रवेश करते चले जा रहे हैं। इन घुसपैठियों का भारत आगमन अभी भी निरन्तर जारी है।भारी संख्या में भारत आए इन शरणार्थियों से हमारी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा। इस समस्या ने भारत बांग्लादेश सम्बन्धों को भी प्रभावित किया।
प्रश्न 7. महाकाली सन्धि क्या थी ?
उत्तर- भारत-नेपाल के प्रधानमन्त्रियों द्वारा 6 फरवरी, 1996 को हस्ताक्षरित समझौता ‘महाकाली सन्धि’ के नाम से विख्यात है। इस समझौते द्वारा महाकाली नदी क्षेत्र का समुचि तथा एकीकृत विकास करने का फैसला लिया गया। महाकाली सन्धि में दो हजार मेगावाट वाले पंचमेश्वर हाइड्रोइलेक्ट्रिक योजना का आठ वर्षों की समयावधि में निर्माण करने तथा सहारा एवं तरकपुर जलभण्डारों को विकसित करने पर सहमति व्यक्त की गई। भारत-नेपाल ने ‘महाकाली नदी आयोग’ बनाने का फैसला भी लिया महाकाली सन्धि को भारतीय संसद तथा नेपाली संसद ने 21 सितम्बर, 1996 को दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित किया गया
प्रश्न 8. भारत के लिए नेपाल का क्या राजनीतिक महत्त्व है ?
उत्तर- भारत के पड़ौसी देश नेपाल की संस्कृति लगभग हमारे ही समान है। नेपाल भारत तथा तिब्बत के बीच स्थित है। अतः तिब्बत पर चीन के आधिपत्य के पश्चात् यह देश भारत एवं चीन के बीच एक अवरोधक राज्य अर्थात् बफर स्टेट का कार्य करता है। चीन द्वारा तिब्बत पर अधिकार के पश्चात् नेपाल का राजनीतिक महत्त्व भारत के लिए काफी बढ़ गया है। 17 मार्च, 1950 को पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने दोनों देशों के सम्बन्धों के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए उचित ही कहा था कि, “जहाँ तक कुछ एशियाई गतिविधियों का सम्बन्ध है, भारत तथा नेपाल के बीच किसी प्रकार का सैन्य समझौता नहीं है, लेकिन नेपाल पर किए जाने वाले किसी भी आक्रमण को भारत सहन नहीं कर सकता।
प्रश्न 9. भारत तथा नेपाल में तनाव के कारण लिखिए।
उत्तर– भारत तथा नेपाल में तनाव के प्रमुख कारणों को संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) नेपाल सरकार भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ आवश्यक कदम नहीं उठाती है जिससे भारत नेपाल से अप्रसन्न रहता है।
(2) नेपाली जनसाधारण की मान्यता है कि भारत सरकार नेपाल के आन्तरिक मामलों में दखल देती है और वह उसके नदी जल पनबिजली को हथियाना चाहती है।
(3) चारों तरफ से स्थल भाग से घिरे हुए नेपाल को यह प्रतीत होता है कि भारत उसको अपने भू-क्षेत्र में होकर समुद्र में पहुंचने से रोकता है।
प्रश्न 10. सार्क (दक्षेस) संगठन क्या है?
उत्तर-दक्षिण एशियाई क्षेत्र सहयोग संगठन को सार्क अथवा दक्षेस कहा जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की स्थापना 8 दिसम्बर, 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गयी थी। यह संगठन दक्षिण एशिया के देशों का संगठन है, जिसका उद्देश्य पारस्परिक सहयो द्वारा इस क्षेत्र का विकास करना है।भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका तथ मालदीव इस संगठन के सदस्य देश हैं। इस संगठन में अफगानिस्तान भी सम्मिलित हो गया है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत-पाक सम्बन्धों की समस्याओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर- भारत-पाक सम्बन्धों के प्रमुख मुद्दे (समस्याएँ) भारत तथा पाकिस्तान के सम्बन्धों से जुड़े मुख्य मुद्दों अर्थात् समस्याओं को संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) कश्मीर का मुद्दा –प्रारम्भ से लेकर आज तक भारत-पाक सम्बन्धों में कश्मीर प्रकरण को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद कायम है। हालांकि जम्मू कश्मीर भारतीय संघ का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन पाकिस्तान ने इसके कुछ हिस्से पर अपना अधिकार जमा रखा है।
(2) पाक विभाजन बांग्लादेश पूर्व में पाकिस्तान का हिस्सा था लेकिन वहाँ पर पक – से अलग होकर अलग राज्य बनाने हेतु संघर्ष हुआ, जिसमें भारत ने उसकी मदद की जिसके परिणामस्वरूप पाक का विभाजन लेकर एक नए राज्य बांग्लादेश का प्रादुर्भाव हुआ। पाकिस्तान मानता है कि भारत ने उसके देश को खण्डित कराकर बांग्लादेश का निर्माण कराया है।
(3) पाक द्वारा भारतीय मुस्लिमों पर अपना एकाधिकार मानना-पाकिस्तान स्वयं को कश्मीर सहित सम्पूर्ण भारत के मुसलमानों का एकमात्र प्रतिनिधि मानता है। यह दुष्प्रचार करता रहता है कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता सिर्फ सैद्धान्तिक है, असल में तो वह एक हिन्दू राए है।
वह सामान्य घटनाचक्र को भी साम्प्रदायिक रूप दे देता है। जब तक पाक की सोच नहीं बदलेगी तब तक इस मुद्दे की वजह से दोनों देशों के सम्बन्ध मधुर नहीं होंगे।
(4) सियाचिन समस्या- सियाचिन हिमनद को लेकर भारत-पाक के बीच विवादास्पद स्थिति है। सैनिक एवं सामरिक दृष्टिकोण के कारण भारत के लिए सियाचीन अत्यधिक उपयोगी है। पाक इस ग्लेशियर समस्या का समाधान सिर्फ सैन्य कार्यवाही से चाहता है, प्रति र में भारत को इसका उसी की भाषा में उत्तर देना पड़ता है। इस क्षेत्र की सुरक्षा पर प्रतिदिन उत्तर लगभग एक करोड़ की धनराशि व्यय हो जाती है। यह समस्या भी परस्पर वार्ता द्वारा हल की जा सकती है।
(5) आतंकवाद – वर्तमान में भारत-पाक सम्बन्धों से जुड़ा मुख्य मुद्दा पाकिस्तान द्वारा भारत में आतंकवाद को प्रोत्साहित करके आतंकी घटनाओं को अंजाम दिलाना है। दिसम्बर 2001 का भारतीय संसद पर किया गया आतंकी हमला हो या 2008 में मुम्बई की दहला देने वाला हमला सभी के पीछे पाक के मंसूबे जग जाहिर हो चुके हैं।
प्रश्न 2. दक्षेस (सार्क) के गठन तथा महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- सार्क की संस्थाएँ (गठन) मार्क के चार्टर में उसकी निम्नलिखित संस्थाओं का उल्लेख किया गया है-
(1) मन्त्रिपरिषद्- चार्टर के अनुच्छेद 4 द्वारा यह प्रावधान है कि सदस्य देशों के विदेश मन्त्रियों की एक परिषद् होगी, जिसकी आवश्यक रूप से 6 माह में एक बैठक होगी। इसके कार्य संघ की नीति निर्धारित करना, सामान्य हित में मुद्दों के सम्बन्ध में फैसला करना तथा सहयोग हेतु नवीन क्षेत्रों की खोज इत्यादि हैं।
(2) स्थायी समिति— सार्क चार्टर के अनुच्छेद 5 के अनुसार यह सदस्य देशों के विदेश सचिवों की एक समिति है। इसकी प्रति वर्ष एक बैठक अनिवार्य है। सहयोग के कार्यक्रमों की देखभाल करना, अन्तर-क्षेत्रीय प्राथमिकताएँ निर्धारित करना तथा अध्ययन के आधार पर सहयोग के नवीन क्षेत्रों की पहचान करना इत्यादि स्थायी समिति के प्रमुख कार्य हैं।
(3) तकनीकी समितियाँ– इसकी व्यवस्था 6 अनुच्छेद द्वारा की गयी है। इसमें सभी – सदस्य देशों के प्रतिनिधि होते हैं। यह अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यक्रम को लागू करने, उनमें समन्वय पैदा करने तथा उन्हें मानिटर करने हेतु उत्तरदायी हैं।
(4) कार्यकारी समिति- सार्क चार्टर के अनुच्छेद 7 द्वारा कार्यकारी समिति की व्यवस्था की गई है। इसकी स्थापना स्थायी समिति द्वारा की जाती है।
प्रश्न 3. सार्क की उपलब्धियों (महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर– सार्क की उपलब्धियाँ (महत्त्व) सार्क को प्रमुख उपलब्धियों को संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) वर्तमान में सार्क दक्षिण एशिया का एक महत्त्वपूर्ण संगठन बन चुका है। हालांकि इसकी शुरुआत काफी धीमी गति से हुई थी लेकिन आज यह काफी तेजी से प्रगति मार्ग पर अग्रसर है।
(2) सार्क के 13वें से 18वें शिखर सम्मेलन में आतंकवाद की रोकथाम तथा सार्क के सदस्य देशों के बीच व्यापारिक विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई।
(3) 2016 को सार्क देशों ने ‘सांस्कृतिक विरासत का वर्ष’ घोषित किया।
(4) सार्क देशों के बीच शुरू हुए रेडियो एवं दूरदर्शन प्रसारण से सूचनाओं के आदान-प्रदान आपसी सहयोग में वृद्धि हुई है।
(5) सार्क देशों ने ‘साइबर क्राइम मॉनिटरिंग डेस्क’ की स्थापना पर सहमति व्यक्त की है।
Conclusion :-
इस पोस्ट में हमने MP Board, cg board…etx. के कक्षा 12 राजनीति शास्त्र पाठ्यपुस्तक के पहले अध्याय 5 समकालीन दक्षिण एशिया [Contemporary South Asia] का समाधान को देखा, हमारे इसी वेबसाइट पे आपको कक्षा 12 के जीवविज्ञान के सलूशन, भौतिकी के सलूशन, गणित के सलूशन, रसायन विज्ञान के सलूशन, अंग्रेजी के सलूशन भी मिलेंगे. आप उन्हें भी ज़रूर देखे.
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