प्रश्न – भारतीय संविधान में नागरिकों को प्रदत्त मौलिक अधिकारों का वर्णन कीजिए।
संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों की व्यवस्था अमेरिका की तरह भारतीय संविधान में भी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का विस्तृत प्रावधान किया गया है। मौलिक अधिकारों का तात्पर्य एक तरफ तो उन अधिकारों से है जी
उत्तर- व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास हेतु परमावश्यक है, दूसरी तरफ ये ऐसे अधिकार हैं जो न्याय योग्य है अर्थात् इनका उल्लंघन किये जाने की परिस्थिति में न्यायपालिका की शरण ली जा सकती है।
परन्तु दिसम्बर, 2002 में 86वें संवैधानिक संशोधन द्वारा एक और मौलिक अधिकार शिक्षा (प्रारम्भिक शिक्षा) तथा सूचना का अधिकार जोड़ दिया गया। समानता का अधिकार यह लोकतन्त्र का मूलाधार होता है
स्वतन्त्रता का अधिकार- चूंकि देश के संविधान का उद्देश्य विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म तथा उपासना की आजादी सुनिश्चित करना है। अतः संविधान में अनुच्छेद 19-22 तक इन अधिकारों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया है।
शोषण के विरुद्ध अधिकार –भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23-24 द्वारा समस्त नागरिकों को शोषण के खिलाफ अधिकार प्रदत्त करके दासता की समस्त स्थितियों को समाप्त करने का प्रयास किया गया है।
संवैधानिक उपचारों का अधिकार – मौलिक अधिकारों के प्रावधानों के उल्लेख से ज्यादा उन्हें कार्यरूप प्रदान किया जाना है, जिसके अभाव में वे अर्थहीन हो जायेंगे। इस बात को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय संविधान में अनुच्छेद 32 द्वारा संवैधानिक उपचारों के अधिकार को संविधान में उल्लिखित किया गया।
शिक्षा (प्रारम्भिक शिक्षा) तथा सूचना का अधिकार- दिसम्बर, 2002 में 86वें संवैधानिक संशोधन द्वारा शिक्षा (प्रारम्भिक शिक्षा) को मौलिक अधिकार के रूप में संविधान में सम्मिलित किया गया है।
व्यक्ति मौलिक अधिकारों को व्यवहार में उपयोग कर सके। इस दृष्टिकोण से उसे शासन से समस्त जरूरी सूचनाएँ हासिल करने का अधिकार होना चाहिए। अतः 12 अक्टूबर, 2005 से सूचना का अधिकार अधिनियम लागू कर दिया गया है।
Question – Describe the fundamental rights given to citizens in the Indian Constitution.
The system of fundamental rights described in the Constitution: Like America, the Indian Constitution also has detailed provisions for the fundamental rights of the citizens. On the one hand, fundamental rights mean those rights which
Answer- It is essential for the personality development of a person, on the other hand, these are such rights which are justifiable, that is, in case of their violation, one can take recourse to the judiciary.
But in December 2002, by the 86th Constitutional Amendment, another fundamental right, Right to Education (Elementary Education) and Right to Information was added. Right to equality is the foundation of democracy
Right to Freedom – Since the purpose of the country’s Constitution is to ensure freedom of thought, expression, belief, religion and worship. Therefore, these rights have been highlighted in detail in the Constitution till Articles 19-22.
Right against exploitation – Article 23-24 of the Indian Constitution has made an effort to end all situations of slavery by providing rights against exploitation to all citizens.
Right to Constitutional Remedies – More than merely mentioning the provisions of fundamental rights, they have to be given practical form, in the absence of which they will become meaningless. Keeping this in view, the right to constitutional remedies was mentioned in the Indian Constitution through Article 32.
Education (Elementary Education) and Right to Information – Education (Elementary Education) has been included in the Constitution as a fundamental right by the 86th Constitutional Amendment in December, 2002.
A person can use his fundamental rights in practice. From this point of view, he should have the right to obtain all the necessary information from the government. Therefore, the Right to Information Act has been implemented from October 12, 2005.
लेटेस्ट अपडेट के लिए सोशल मीडिया ग्रुप ज्वाइन करें –
Official Website Click Here
Join TeLegram Click Here
Join what app Groups Click Here
प्रश्न बैंक संपूर्ण हाल 2023 :-
परीक्षा बोध 2023 :-
9th परीक्षा बोध 2024-25- PDF Download करे | 10th परीक्षा बोध 2024-25 – PDF Download करे |
11th परीक्षा बोध2024-25 – PDF Download करे |
12th परीक्षा बोध 2024-25 – PDF Download करे |