प्रश्न – भारतीय संविधान सभा के सम्मुख कौन-कौन-सी कठिनाइयाँ उत्पन्न हुई
उत्तर- संविधान सभा के समक्ष कठिनाइयाँ भारतीय संविधान के निर्माणकर्त्ताओं के सम्मुख अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न हुई थीं, जिन्हे संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) भारत की विशालता भारतीय-संविधान सभा को विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र के लिए संविधान निर्मित करना था यहाँ विभिन्न धर्म एवं जातियों के व्यक्ति निवास करते हैं अतः निर्माणकर्ताओं को सबसे बड़ी समस्या सभी वर्गों को सन्तुष्ट करना था।
(2) मुस्लिम लीग द्वारा संविधान –सभा का बहिष्कार भारतीय संविधानसभा की प्रथम बैठक डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा की अध्यक्षता में 9 दिसम्बर, 1946 को प्रारम्भ हुई दिसम्बर, 1946 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को इस सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया। इस मुद्दे पर मुस्लिम लीग ने संविधान सभा का बहिष्कार किया। उसने माँग की कि हिन्दू तथा मुसलमान दो अलग-अलग जातियाँ है। अतः दोनों के लिए पृथक पृथक संविधान सभाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।
(3) ब्रिटिश सरकार की कुत्सित नीतियाँ- ब्रिटिश सरकार की कुत्सित नीतियों के परिणामस्वरूप भारत में साम्प्रदायिकता, प्रान्तीयता तथा भाषावाद इत्यादि अनेक समस्याएँ खड़ी हो गयी थीं।
(4) साम्प्रदायिकता चूंकि 1946 में साम्प्रदायिकता चरम सीमा को छू चुकी थी, जिसके परिणामस्वरूप अनेक कठिनाइयाँ पैदा हो गर्यो संविधान सभा को इस कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ा था।
(5) पाकिस्तान का निर्माण 1947 में भारत विभाजन के फलस्वरूप पाकिस्तान के निर्माण ने देश के सामने अनेक प्रशासनिक, सामाजिक एवं सुरक्षात्मक समस्याएँ पैदा कर दी थीं। इन समस्याओं के सन्दर्भ में भी भारतीय संविधान सभा को विचार करना था।
Question – What difficulties arose before the Indian Constituent Assembly?
Answer-
Difficulties before the Constituent Assembly: Many difficulties had arisen before the makers of the Indian Constitution, which can be briefly explained as follows-
(1) Vastness of India: The Indian Constituent Assembly had to create a constitution for the world’s largest democracy. People of different religions and castes reside here, hence the biggest problem for the makers was to satisfy all the classes.
(2) Boycott of the Constituent Assembly by the Muslim League. The first meeting of the Indian Constituent Assembly started on 9 December 1946 under the chairmanship of Dr. Sachchidanand Sinha. On December 1946, Dr. Rajendra Prasad was elected the permanent president of this assembly. Muslim League boycotted the Constituent Assembly on this issue. He demanded that Hindus and Muslims are two separate castes. Therefore, there should be provision for separate Constituent Assemblies for both.
(3) Evil policies of the British Government – As a result of the evil policies of the British Government, many problems like communalism, provincialism and linguism etc. had arisen in India.
(4) Communalism Since communalism had reached its peak in 1946, resulting in many difficulties, the Constituent Assembly had to go through this difficult period.
(5) Creation of Pakistan as a result of the partition of India in 1947 had created many administrative, social and security problems for the country. The Indian Constituent Assembly had to consider these problems also.